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Nipah Virus क्या है ? जानें लक्षण और क्या है बीमारी का कारण

Nipah Virus : साल 2018 के बाद केरल में एक बार फिर निपाह वायरस (Nipah virus) का प्रकोप जारी है. हाल ही में 12 साल के बच्चे की इस वायरस के कारण मौत हो गई है. वहीं देशभर में चल रहे कोरोना वायरस के बीच निपाह वायरस ने लोगों कि चिंता को और बढ़ा दिया है.

क्या है निपाह वायरस (Nipah Virus) ?

इस वायरस का पता पहली बार साल 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई में चला था. वहीं निपाह वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने एक जूनोटिक वायरस (zoonotic virus) बताया है जो जानवरों से इंसानों में ट्रांसमिट होता है. वायरस दूषित भोजन या सीधे लोगों के बीच से भी पहुंच सकता है. यह भी पढ़े : Coronavirus के कहर के बीच Kerala में निपाह वायरस की दस्तक, केंद्र सरकार ने भेजी टीम

मिली जानकारी के अनुसार, निपाह वायरस का प्रसार फ्रूट बैट के लार से होता है. अमेरिकी सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल के अनुसार, निपाह वायरस का मूल जानवर हैं लेकिन संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से इंसानों में भी बीमारी फैल सकती है.

वहीं वैज्ञानिकों का यह कहना है कि, भारत में निपाह जैसे वायरस लंबे समय तक चमगादड़ों के सह अस्तित्व हो सकते है. वहीं इस वायरस को लेकर डॉक्टर नमीर पीओ ने फर्स्टपोस्ट को पहले प्रकोप के दौरान बताया था कि, “फ्रूट बैट के सिस्टम में निपाह जैसे वायरस हमेशा रहे हैं. उन्होंने वर्षों से साथ-साथ विकास किया है. इस तरह की बीमारी उस वक्त खतरनाक हो जाती है जब जानवर तनाव में हो. तनाव आवास की कमी, जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलने के कारण हो सकता है. इसलिए, जब जानवर तनाव का सामना करता है, तो इस तरह के वायरस सामने आते हैं. दूसरे शब्दों में, वायरस जानवर से बाहर निकल जाते हैं.”

निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण (Symptoms of Nipah Virus Infection) ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने कहा कि, निपाह वायरस संक्रमण के लक्षण है बुखार, सिर दर्द, मांसपेशी में दर्द, उल्टी और गले की सूजन. ये एंसेफ्लाइटिस यानी दिमाग की सूजन समेत हल्की से लेकर गंभीर बीमारी और संभावित तौर पर मौत का कारण बन सकता है.

वहीं इसके साथ ही आपको बता दे कि इस वायरस के लक्षण आम तौर पर वायरस की चपेट में आने के बाद 4-14 दिनों में जाहिर होते हैं. उसमें सांस की बीमारी जैसे खांसी, गले में खराश और सांस लेने में कठिनाई के संकेत शामिल हैं. निपाह वायरस से ठीक होनेवालों में लंबे समय तक लक्षणों को देखा गया है.

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