टाइफाइड या टाइफाइड बुखार (Typhoid or Typhoid Fever) साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया (Salmonella typhi bacteria) के कारण होता है। यह तेज बुखार और जठरांत्र संबंधी समस्याओं का कारण बनता है। ज्ञात हो कि आमतौर पर लोगों को टाइफाइड दूषित पानी या भोजन के सेवन से होता है। वहीं इसके लक्षण शरीर में दर्द से लेकर भूख न लगना तक हो सकते हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों को बुखार के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते या गुलाबी धब्बे भी हो सकते हैं।
वहीं टाइफाइड के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण खराब स्वच्छता और अस्वच्छ स्थितियां हो सकते हैं। इसके साथ ही तेज बुखार 104 डिग्री फारेनहाइट तक भी पहुंच सकता है, वहीं दवाओं से बुखार कम नहीं होने पर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।
टाइफाइड का टीका किसी व्यक्ति को कुछ वर्षों के लिए बैक्टीरिया से संक्रमित होने से बचाने में मदद कर सकता है लेकिन फिर भी स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करना आवश्यक होता है जो किसी भी प्रकार के संक्रमण से मुक्त हो। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं, हालाँकि टाइफाइड बुखार के घरेलू उपचार का भी उल्लेख किया जा सकता है।
टाइफाइड बुखार के कुछ घरेलू उपचार (home remedies for typhoid fever) :
- बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं :
टाइफाइड जैसे रोग अक्सर निर्जलीकरण का कारण बनते हैं, इसलिए ढेर सारे तरल पदार्थ पीकर खुद को आप हाइड्रेटेड रखें। तरल पदार्थ पानी, ताजे फलों का रस, हर्बल चाय आदि हो सकते हैं। पानी हमें हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है और स्वस्थ और रोग मुक्त जीवन के लिए जल स्तर को बनाए रखने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।
टाइफाइड से दस्त हो सकते हैं, इसलिए ताजे रस का सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करेगा। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने और जीवाणु संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
- लहसुन (Garlic) :
लहसुन कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, वहीं लहसुन टाइफाइड बुखार को ठीक करने में बेहद मददगार हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और यह रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है। यह गुर्दे को शरीर से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। हालांकि, इसके लाभों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इसे कच्चा या अर्ध-पका हुआ सेवन करना चाहिए। यह उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा देता है और टाइफाइड बुखार से पीड़ित व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- तुलसी (Basil) :
तुलसी एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है जो सूजन और जोड़ों के दर्द को कम करती है, साथ ही यह टाइफाइड बुखार के घरेलू उपचार के लिए काफी असरदार है। यह कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी शामिल है और मलेरिया सहित कई बीमारियों को ठीक करता है। टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति इसे चाय के साथ या पानी में उबाल कर या शहद के साथ सेवन कर सकते हैं। जल्दी राहत के लिए इसे अदरक के रस या काली मिर्च के साथ भी डाला जा सकता है। तुलसी के जीवाणुरोधी गुण टाइफाइड पैदा करने वाले बैक्टीरिया को दूर करने में मदद करते हैं।
सेब का सिरका (Apple vinegar) :
सेब के सिरके में अम्लीय गुण होते हैं और यह टाइफाइड बुखार के लिए एक अच्छा घरेलू उपचार है। टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से गर्मी निकालने पर यह तेज बुखार को कम करता है। इसमें खनिज होते हैं जो बीमार व्यक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।
ठंडे पानी की पट्टियां (Cold Compress) :
टाइफाइड में पीड़ित को तेज बुखार रहता है, यह कई दिनों तक बना रहता है. ऐसे में रोगी के शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखें. इसके लिए आप ठंडे पानी की मदद ले सकते हैं. रोगी के माथे, बगल, पैर और हाथों पर ठंडे पानी की पट्टियां रखते रहें. हालांकि, इस प्रक्रिया में इस्तेमाल किया जाने वाला पानी बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए और कपड़े को समय-समय पर सर्वोत्तम परिणामों के लिए बदला जाना चाहिए.
ध्यान रखें : यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से सलाह लें।