Board Exams 2022 : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑफलाइन तरीके से न लिये जाने के संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है, इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगायी कि वो भविष्य में ऐसी कोई भी याचिका को दायर न करें, जिससे लोगों में दुविधा पैदा हो. बता दे कि न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर (Justice A.M. Khanvilkar) ने की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सीबीएसई, आईसीएसई, एनआईओएस (CBSE, ICSE, NIOS) और सभी राज्य बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑफलाइन न लिये जाने के संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दी गई है.
वहीं न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने याचिकाकर्ता को चेतावनी देते हुए कहा कि यह समयपूर्व दायर याचिका है और इससे लाखों छात्र दुविधा में आयेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वह इस तरह की हरकत दोबारा करती हैं तो याचिकाकर्ता को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी. इसके साथ ही न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत पद्मनाभन (Prashant Padmanabhan) से कहा कि इस तरह की याचिका से दुविधा पैदा होती है. साथ ही उन्होंने ने कहा कि इस प्रकार की याचिकाओं को कैसी पब्लिसिटी मिलती है. ये दुविधा पैदा करती हैं.
साथ ही आपको बता दे कि याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत पद्मनाभन (Prashant Padmanabhan) ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह सीबीएसई (CBSE) के मौजूदा निर्देशों को देखे और उन्होंने साथ ही गत साल परीक्षा के दौरान दायर याचिका का उल्लेख किया. इस बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो अतीत में हुआ है वह नियम नहीं बन सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्रशासन को निर्णय लेने दिया जाये.
आपको बता दे कि इस याचिका में कहा गया है कि इन परीक्षाओं में प्रदर्शन करने से बच्चों पर मानसिक दबाव रहता है. वहीं हर साल बच्चे कम अंक लाने या असफल होने के भय में आत्महत्या कर लेते हैं. साथ ही याचिका में कहा गया था कि इसके साथ ही छात्र कोरोना वायरस के संक्रमित होने को लेकर भी भयभीत हैं.